ऐसन जानत होले रे गोरिया तोर से दिल न लगाते...सादरी प्रेम गीत
झारखंड एवं उड़ीसा के आदिवासी समुदाय द्वारा बोले जाने वाली भाषा सादरी में प्रेम गीत सुना रहे हैं सुनील कुमार, मालीघाट, जिला-मुजफ्फरपुर (बिहार ) से :
ऐसन जानत होले रे गोरिया तोर से दिल न लगाते-
तोके में चाँद कहीं ,तोके मैं सूरज-
असरा में धोखा खाली, हाय हम बड़ी पछताली-
तोर से दिवाना भेली, दिल जब तोके देली-
जब से तोके पाली, दुनिया भूलाए गेली-
आज तोय काल्हे बतलाले-
अचके काले दगा देले-
मीठा मीठा बात बोली, सब भेद ले ले लूटी-
सोचली न बुझली हम सब कुछ तोके बता देली-
आज तोइ मोके भूल गेले-
आज के दोसर संग गेले...