जब तक रोटी के प्रश्नों पर रखा रहेगा भारी पत्थर...कविता
पारु, जिला-मुजफ्फरपुर (बिहार) से सुनील कुमार प्रिय एक कविता सुना रहे है:
जब तक रोटी के प्रश्नों पर रखा रहेगा भारी पत्थर-
खाओ मत कोई सजाना तुम मेरे गली में-
अगर कभी जो आना तुम धानो की बालियों में-
टपका हुआ पसीना ओस तो इसके बुँदे मोती है या नगीना...