रउवा सूत गईली कुर्सी प्रजाई के हमरी से भोच सब लाईके ना...भोजपुरी कविता
ग्राम-साहेबगंज, जिला-मुजफ्फरपुर (बिहार) से सुनील कुमार के साथ पारु के सुनील कुमार पी.ए. जुड़े है जो कवि हैं ये एक भोजपुरी कविता सुना रहे हैं :
रउवा सूत गईली कुर्सी प्रजाई के ,हमरी से भोच सब लाईके ना-
एक दिन रउवा यहां गईली तव पर हमें रुकलव-
बदी गार बन्दूक दिखा के लाठी से हमले महुलत रउवा-
भूल गईली रउवा कुर्सी प्रजाई के...