नेतवा पागल भईले हो लूट के चक्कर में नेतवा पागल भाईले हो...भोजपुरी कविता
ग्राम-पारू, जिला-मुज़फ्फरपुर (बिहार) से सुनील कुमार एक कविता सुना रहे हैं :
नेतवा पागल भईले हो लूट के चक्कर में नेतवा पागल भाईले हो-
जीत के चुनाव दिल्ली पहूँच के घुमे गईले अमेरिका हो-
देश के खजाना खूबे लुटा के कत तर रोज सानी नेतवा पागल भईले हो-
कोन पूंजीपतिया आगी लगैले दुख-दुख जले ला जुसवा हो...