अहा बुझीछी न हमर परेशानी...मैथिली लोकगीत
मनोज मिश्रा ग्राम-झंझारपुर, जिला-मधुबनी, बिहार से एक मैथिली लोकगीत सुना रहे है:
अहा बुझीछी न हमर परेशानी-
अहाते छोटकी बहिन छे दीवानी-
कि व्याह कह दियो भौजी ए हमरो-
पढ़े लिखए में मन न लगई ए-
अत्छी अहुरिया ए दिनहर तकिये नजर परे ये-
वहिके छोटकी बहिनिया ए-
अहा कारियों न आपन मनमानी-
छोटके देवर पे कारियों दयावानी-
अहा बुझीछी न हमर...