दीप जले दीप जले द्वार-द्वार दीप जले...दीपावली पर कविता
ग्राम-सारंगपुर, जिला-बलरामपुर, छत्तीसगढ़ से कक्षा-4 की छात्रा चाँदनी गुप्ता एक कविता सुना रही हैं:
दीप जले दीप जले द्वार-द्वार दीप जले-
दीप जले दीप जले गाँव-गाँव, बगिया की छांव-छांव-
दीवारों पर आँगन में, धूम मची है ठांव-ठांव-
आओ रे गाओ रे ढोलक ले नीम तले...