क्यों बरसों से खाली पड़े हैं, क्यों आज भी काम नहीं...संघर्ष गीत
ग्राम-चंदनवेली, पंचायत-गेंदा, तहसील-एटापल्ली, जिला-गढ़चिरोली, महाराष्ट्र से रजनी, ललिता, शालू, रेशिका व शंकर एक जागरूकता गीत गा रहे हैं:
मेरे हाथों को ये जानने का हक है-
क्यों बरसों से खाली पड़े हैं, क्यों आज भी काम नहीं-
मेरे पैरों को ये जानने का हक है-
क्यों गाँव-गाँव चलना पड़े हैं, क्यों बस का निशान नहीं-
मेरे सपनों को जानने का हक है-
क्यों सदियों से टूट रहा है, इन्हें सजने का नाम नहीं-
मेरे भूखों को ये जानने का हक है-
क्यों गोदामों में सड़ते हैं दानें, मुझे मुट्ठी भर धान नहीं-
मेरे खेतों को ये जानने का हक है-
क्यों मांद भरे हैं बड़े-बड़े, क्यों फसलो में जान नहीं-
मेरे नदियों को जानने का हक है-
क्यों जहर मिलाए हैं कारखाने, क्यों नदियों को जान नहीं...