हाय रे हाय रे हाय, गरीबी छाया है हाय...गरीबी गीत
ग्राम-नयगवां रैयत, पंचायत-नंदराम, ब्लॉक-मवई, जिला-मंडला, मध्यप्रदेश से धन सिंह परते एक गीत प्रस्तुत कर रहे हैं. गीत में आदिवासियों के वर्तमान स्थिति पर बात की जा रही है:
हाय रे हाय रे हाय गरीबी छाया हैं हाय-
अरे आदिवासी मूलनिवासी बड़ा गरीबी छाया है रे-
आदिवासी मूलनिवासी या भुइयां के लाल देख ले-
अरे आदिवासी दिवस मनाथन, आते या हर साल गरीबी छाया है यार-
पैसा के लाने काम करत हैं, सडक कुआं ना हर मोरे भइया-
अरे मूड़ मा लकड़ी पीठ में बागा, बेचन चले शहर मा गरीबी छाया हैं यार-
अरे झूठ कपट ना लोभ लक्त ना, शोक नहीं तो मन मा रे भैया-
अरे खेत मा नागर-बैला हांके, लगे लंगोटी तन मा गरीबी छाया है यार-
अरे आदिवासी मूलनिवासी बड़ा गरीबी छाया है रे...