पैसा है सजीवन देव, रे पैसा की कला है कलजुग में...फाग गीत
ग्राम-नैगवां, विकासखंड- मवईं, जिला- मंडला, मध्यप्रदेश से चरण सिंह परते एक फाग गीत प्रस्तुत कर रहे हैं :
ए हां रे हां पैसा की कला है कलजुग में-
पैसा है सजीवन देव, रे पैसा की कला है कलजुग में-
पैसा है सजीवन देव देवन से भारी-
पैसा से सब राज-काज है हिम्मत भारी-
पैसा को ऐसे रचो दुनिया में करतार-
पैसा उ दोस्ती फिर करा दे तकरार-
फिर करा दे तकरार होली हो फिर करा दे तकरार-
फिर करा दे तकरार रे, पैसा की कला है कलजुग में-
अरे करा दे तकरार होली हो फिर करा दे तकरार-
मान पैसा से पावे, पैसा तोली मरग-सरग से नरक पठावे – पैसा होवे तो पास में तो पूछ ले सब संसार-
बिन पैसा को फिर जगत में खड़े न होवे द्वार-
फिर खड़े न होवे द्वार रे पैसा की कला है कलजुग में-
होली हो-
खड़े न होवे द्वार कर्ज पैसा से होवे-
कर्ज से होवे खराब अरे मिल्कियत पैसा खोवे-
दानन के कर देते हैं पैसा तो सीरदार-
मूड़ कटावे मुफ्त में फिर लड़ा दए परवार-
फिर फिर लड़ा दए रे परिवार पैसा की कला है कलजुग में-
फिर लडा दै तरवार रे पैसा की कला है कलजुग में...