हर आदमी को आदमी से, प्यार चाहिए...
सुनील कुमार, मुज़फ्फरपुर, बिहार से एक जन गीत प्रस्तुत रहे हैं:
हर आदमी को आदमी से, प्यार चाहिए
जीने के लिए जीने का, अधिकार चाहिए
हर आदमी को आदमी से, प्यार चाहिए
किरदार कितने लोगों के, बेकार हो गए
मासूम बेटियों के, खरीदार हो गए
पत्ते पहनके उम्र-सजा, काटने वाले
हैवान इस मुल्क के, सरदार हो गए
जल-जंगल-जमीन, हो ये जनता के अधीन
जीने के लिए रोटी-कपडा-मकान चाहिए
हर आदमी को आदमी से....
इक्कीसवीं सदी का, करिश्मा है दोस्तों
आजादी के बाद, अब स्वराज चाहिए
हर आदमी को आदमी से .......