थोड दिन गाजो, नेगोरड़ो हर्शित्यो...आदिवासी वर्षा गीत
सूरज जमरा,ग्राम-अम्बाझा, जिला-अलीराजपुर, मध्यप्रदेश से अपने साथी लक्ष्मण सिंह डाबर से एक आदिवासी गीत रिकॉर्ड करा रहे हैं. यह गीत बरसात के मौसम में गाया जाता है. बरसात के मौसम में जब कीचड़ होता है तो उसमे मेढक उसमें खेलता है और फसल उपजती है:
थोड दिन गाजो, नेगोरड़ो हर्शित्यो
कायपोड़ी-पोड़ी जो वातय
जीना रे काना वोमाततू जोड्या
काये कोली रे लेवा सूडी...