हाय-हाय के जात हाजीपुर, के जात पटना...बिहार से झरनी लोकगीत
साथी सुनील मुजफ्फरपुर, बिहार से एक झरनी लोकगीत गा रहे हैं. लोग बांस का छोटा-छोटा झाडू बनाकर समूह में इस गीत को गाते-बजाते और नाचते भी हैं:
हाय-हाय के जत हाजीपुर, के जत पटना
के जत बेतिया शहरवे हाय-हाय
हाय-हाय बाबा जत हाजीपुर, भइया जत पटना,
स्वामी जत बेतिया शहरवा, हाय-हाय
हाय-हाय के लैते सारी सुगवा, के लैते कंगना
के लैते सिर के सिंदुरवे हाय-हाय
हाय-हाय पापा लैते सारी सुगवा, भइया लैते कंगना
स्वामी लैते सिर के सिंदुरवे, हाय-हाय
हाय-हाय के पहनते सारी सुगवा, भौजी पहनते कंगना
हम पहनबे सिर के सिंदुरवा हाय-हाय
हाय-हाय अम्मा पहनते सारी सुगवा
भौजी पहनते कंगना, हम पहनबे सिर के सिंदुरवा हाय-हाय
हाय-हाय फटी जाते सारी-सुगवा
टूट जाते कंगना, रह जाते सिर के सिन्दुरवे हाय-हाय.....
हाय-हाय फटी जाते सारी-सुगवा, टूट जाते कंगना,
रह जाते सिर के सिन्दुरवे हाय-हाय
हाय-हाय फटी जाते सारी-सुगवा, टूट जाते कंगना,
रह जाते सिर के सिन्दुरवे हाय-हाय.....