उठो साथियों कदम मिलाकर,चलो हमारे साथ...
उठो साथियों कदम मिलाकर, चलो हमारे साथ-
राह चलें हम उम्मीदों की, मिला हाथ में हाथ-
हमें तो बढ़ते जाना है, सुनहरा सूरज लाना है-
इस मशाल का उजियारा, सारा अंधियार हटेगा-
साथी अपने श्रम को एक दिन सूरज नमन करेगा-
बस अपने मन में निश्चय का दीप जलाना है
हमें तो बढ़ते जाना है...
उठो साथियों कदम मिलाकर चलो हमारे साथ-
राह चलें हम उम्मीदों की मिला हाथ में हाथ-
हमें तो बढ़ते जाना है...
वर्तमान जैसा भी हो हम उसको दुलराएंगे-
पर अच्छे भविष्य के खातिर चलते जाना है-
हमें तो बढ़ते जाना है...
अवरोधों पर कसकर ठोकर हमें लगाना है-
हमें तो बढ़ते जाना है...
उठो साथियों कदम मिलाकर चलो हमारे साथ-
राह चलें हम उम्मीदों की मिला हाथ में हाथ-
हमें तो बढ़ते जाना है...