मेरे आँगन का वो पक्षी !
एकदम शांत एवं बेखौफ
जो गरीब-गरीब नहीं चिल्लाता
भूख का सौदा नहीं करता
जो जाति-जाति नहीं चिल्लाता
आरक्षण के गीत नहीं गाता
जो वोट-वोट नहीं चिल्लाता
हिन्दू-मुस्लिम का पाठ नहीं पढ़ाता
जो धर्म-धर्म नहीं चिल्लाता
नफरत की आग नहीं फैलाता
जो विकास-विकास नहीं चिल्लाता
भ्रष्टाचार की नदियां नहीं बहाता
दाना-दाना चुग पेट भरता
प्रेम के मीठे गीत गुनगुनाता
अमन-चैन का पैगाम लुटाता
मेरे आँगन का वो पक्षी...