हमें अपनी ज़िन्दगी खुद बनाने दो...बाल श्रमिकों का गीत
हमें अपनी ज़िन्दगी खुद बनाने दो
हमारी ख्वाहिशों को कोई न छीन लो
आज अपना बचपन हम मांगते हैं
आज अपनी हिम्मत हम बांधते हैं
एक साथ कदम बढ़ाते जाएंगे
कहीं किसी के बल से टूट न पाएँगे
काम और वेतन बढ़ाके ही रहेँ
हम तो काम के बन्धन से मुक्त ही रहेँ
हमें अपनी ज़िन्दगी खुद बनाने दो
हमारी ख्वाहिशों को कोई न छीन लो
घर की रोशनी मे अब रहेंगे हम
चलो उठो अंधेरों से बचेंगे हम
स्वप्न ये हमारे हमे साथ दीजिए
पढ़ेंगे और लिखेंगे नई आरजू लिए