झूला डाल देबय नीबू के दरार में...एक बघेलखंडी सावन गीत
झूला डाल देबय नीबू के दरार में
सावन के बहार में ना २
मै तो जात रहली अगुवारे
चली गई पिछुवारे
मै नाही जानू तोहरे बारे के मोहरे बा
सावन के बहार बा ना २
झुला डाल देबय नेबू के दरार में
सावन के बहार में ना
मै तो सानत रहली आटा
गड गया पैर में काँटा
मै नाही जानू तोहरे बैरी के ओसार बा
सावन के बहार बा ना
मै नाहीं जानू तोहरे बैरी के ओसार बा
सावन के . ....................
झुला डाल देबय नीबू के दरार में
सावन के बहार में ना