इतना टूटा हं की छूने से बिखर जाऊंगा...गजल-
निकेतन शर्मा पंजाब से सीजी नेट के श्रोताओ को गजल सुना रहे है
इतना टूटा हं की छूने से बिखर जाऊंगा-अब अगर और दुआ दोगे मार जाऊंगा-
इतना टूटा हं की छूने से बिखर जाऊंगा-
पूछ कर वक्त मेरा राहें गा ना करो-
मैं तो बंजारा हु ना जनेकिद्र जाऊंगा-
इतना टूटा हं की छूने से बिखर जाऊंगा...
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