निःस्वार्थ भाव से सेवा करना चाहिये...
राजनांद, छत्तीसगढ़ से विरेन्द्र गंधर्व हनुमान जयंती के शुभ अवसर पर संदेस दे रहे हैं, ये त्यौहार हर वर्ष बड़े धूमधाम से मनायी जाती है, इस जयंती पर यह बात सीखने की आवश्यकता है कि जिस तरह से हनुमान जी ने कभी श्रेय लेने के लिये काम नहीं किया और कभी श्रेय नहीं लिया| ठीक उसी तरह हमें भी निःस्वार्थ भाव से सेवा करनी चाहिये|