हम तेरे शहर में आये हैं मुसाफिर की तरह...गजल-
लुधियाना (पंजाब) से निकेतन शर्मा एक गजल सुना रहे हैं:
हम तेरे शहर में आये हैं मुसाफिर की तरह-
सिर्फ इक बार मुलाकात का मौका दे दे-
मेरी मंजिल है कहां-
मेरा ठिकाना है कहाँ-
सुबह तक तुझसे बिछड़ कर मुझे जाना है कहां...(AR)