अगरबत्ती नई वो नारीयल माला नई है माँ...जस गीत
शुभम सारथी, ग्राम-बैवारा, जिला-कोरबा (छत्तीसगढ़) से एक जस गीत सुना रहें है:
अगरबत्ती नई वो नारीयल माला नई है माँ-
गुगुर धुप हा नई है वो चन्दन बंधन नई है माँ-
कांस के थाली घलो नई है माँ-
का दुःख ला बताओ दाई तोला बंदत हो माँ-
का दुःख ला बताओ मैया तोला सुमिरत हो माँ-
सेवा ला दाई भक्ति ला माई कर लेते वो माथ नेवाई-
अगरबत्ती नई वो नारीयल माला नई है माँ...(182207) GT