संकल्पित हो रही जवानी माँ की पीड़ा हरने को...कविता-
बड़वानी (मध्यप्रदेश) से सुरेश कुमार एक कविता सुना रहे हैं:
संकल्पित हो रही जवानी-
माँ की पीड़ा हरने को-
बिखरी शक्ति संगठित करके-
दुष्ट प्रवित्ति से लड़ने को-
संकल्पित हो रही जवानी...(AR)
बड़वानी (मध्यप्रदेश) से सुरेश कुमार एक कविता सुना रहे हैं:
संकल्पित हो रही जवानी-
माँ की पीड़ा हरने को-
बिखरी शक्ति संगठित करके-
दुष्ट प्रवित्ति से लड़ने को-
संकल्पित हो रही जवानी...(AR)