रहिमन नीचन संग बसे लगत कलंक न कहिं...दोहा-
राजनांदगाँव (छत्तीसगढ़) से विरेन्द्र गंधर्व दोहा के माध्यम से संदेश दे रहे हैं:
1 रहिमन नीचन संग बसे लगत कलंक न कहिं|
दूध कलारिन हाँथ लगे मद समझत हैं ताहीं||
2 रहिमन तीन प्रकार से हित अनहित पहचान |
परबस परे परोस बस परे माम न जान||