जिस ज़मीन पर पानी काम रुकता है वहां हमारे यहाँ अंकुर निकलने के बाद ओयु धान बोया जाता है...
नगर पंचायत-भामरागड जिला-गडचिरोली (महाराष्ट्र) से संतोष परसा अपनी माड़िया गोंडी भाषा में स्थानीय धान बोने के तरीके के बारे में बता रहे हैं वे कह रहे हैं जहाँ कम पानी रुकने लायक जमीन होता है वहाँ ओयु धान बोते हैं | सबसे पहले धान को रात भर पानी में भिगा देते हैं | इसके बाद एक दिन पानी से निकालकर साल के पत्ते में दबाकर रख देते हैं और जब उसका अंकुर निकल जाता है तब खेत में नागर-बैल या ट्रैक्टर से कीचड़ बना के बुआई कर देते हैं | थोड़ा बड़ा होने के बाद यूरिया-डीएपी खाद डालते हैं तब धान तेजी से बड़ता है: संपर्क नम्बर @9423534885 CS