देशभक्ति गीत : मेरे महबूब वतन, मेरे महबूब वतन...
ग्राम-पहाड़िया, पोस्ट-उस्रार, जिला-सतना (मध्यप्रदेश) से संतोष कुमार ढाली एक देशभक्ति गीत सुना रहे हैं:
मेरे महबूब वतन, मेरे महबूब वतन-
तुझपे कुर्बान ये जान, तुझपे कुर्बान ये तन-
आज शायर का कलम, तेरे गीतों पे लिखा-
आज फनकार कफन, तेरा सौगाई बना-
जान देने की लगन, सर पे बांधे हैं कफ़न-
मेरे महबूब वतन, मेरे महबूब वतन-
तुझपे कुर्बान ये जान, तुझपे कुर्बान ये तन-
देख महफ़िल में कही, आज मैं जागू नहीं-
हुस्न लैला का कोई, अब खरीदार नहीं-
जान देने की लगन, आज फीका है चमन-
मेरे महबूब वतन, मेरे महबूब वतन-
तुझपे कुर्बान ये जान, तुझपे कुर्बान ये तन...