दे तो, दे तो परोसिन छेना में आगी मोर दुदरू भुखागे...किसानी ददरिया गीत-
ग्राम पंचायत-तरहुल, तहसील-दुर्गुकोंदल, जिला-उत्तर बस्तर कांकेर (छत्तीसगढ़) से कुमारी रोशनी, कुमारी मनीषा, कुमारी प्रतिभा और कुमारी देविका अपने सहेलियों के साथ एक ददरिया गीत सुना रहे हैं जो खेती के समय महिलाएं गाती हैं :
दे तो, दे तो परोसिन छेना में आगी मोर दुदरू भुखागे-
देवर आगे संगी-संगी के खटिया-
लोहा के झुलना डेरी हांथ के धड़कना-
दामन बिलवा राजा रईनी में झारा ददरिया रे दोस-
पाहर परभर देखे ला हरियर, टोपी वाला न तो दिखे बदेहों नरियर...