इतना तो करना स्वामी, जब प्राण तन से निकले...भजन-
ग्राम-वेंकटनगर, जिला-अनूपपुर (मध्यप्रदेश) से शांतनु पांडे एक भजन सुना रहे हैं :
इतना तो करना स्वामी, जब प्राण तन से निकले-
गोविन्द नाम लेकर, मेरी जान तन से निकले-
या तो गंगाजी का तट हो, या व्रज का वंशी तट हो-
और सांवरा निकट हो, तब प्राण तन से निकले-
प्रभु यही मेरी अरज है, मानो तो क्या हरज है-
कुछ तुम्हारी भी फरज है जब प्राण तन से निकले-
इतना तो करना स्वामी, जब प्राण तन से निकले...