स्कूल पढने वाली एक लड़की की कहानी (गोंडी भाषा में)
ग्राम-गुंदुल, तहसील-पखांजूर, विकासखंड -कोयलीबेडा, जिला-उत्तर बस्तर कांकेर (छत्तीसगढ़) से रमा कडियम एक गोंडी कहानी बता रही है : स्कूल में एक नई लड़की ने प्रवेश लिया, सर ने क्लास में रूपा को परिचय कराया, इस क्लास में रूपा पढेगी फिर वे रूपा से बोली ,रूपा ! तुम्हारी सहपाठिने तम्हें बता देंगी कि वे कौन-कौन से पाठ पढ़ चुकी है कोई कठिनाई होने पर वे तुम्हारी सहायता करेगी | रूपा कम पढ़ती है ,रूपा कम बोलती थी ,वह चुप ही रहती थी उसकी सहपाठिन उससे बात करना चाहती थी ,लड़कियों ने भी दो -तीन दिन तो उससे बात करने की कोशिश की ,फिर वे अपनी-अपनी सहेलियों में मस्त हो गई, उन्हें लगा रूपा किसी से बात करना पसंद नहीं करती. एक दिन स्कूल से बच्चे पिकनिक सर मेडम लोग के साथ मनाने गये ,सबने सोचा ,रूपा नहीं जाएगी परन्तु पिकनिक के दिन रूपा ही पहले विद्यालय के फाटक पर खड़ी थी ,पिकनिक का स्थान छोटी झील का किनारा था ,ऊँचे-ऊँचे वृक्षों से घिरा यह स्थान पिकनिक के लिए बहुत उपयुक्त था. पहाड़ी स्थल होने के कारण ऊँची-नीची भूमि पर खिले रंग -बिरंगे फूल और लतायें झील की शोभा और भी बढ़ा रही थी लड़कियां वहां जाकर हंसी. लडकियों के ठहाको से वातावरण गूंजने लगा. सभी इधर-उधर भाग कर अपने लिए अच्छे-अच्छे स्थान खोजने लगी. मेडम ने एक सुंदर जगह देखकर दरिया बिछवा दी और बोला पहाड़ के ऊपर इधर-उधर घूमने जाना नहीं चाहिये .पहाड़ में जंगल बहुत है | सभी एक साथ रहेंगे किसी को झगड़ा नही करना चाहिए | बच्चो को अच्छे खाना बनाकर खिलाएंगे बच्चे बहुत खुश हुये. मेडम और सर भी बच्चो के साथ बहुत खुश थे |