हम तो आदिवासी गा भईया, जांगर ठुर कमइया...सरगुजिहा भाषा में एक आदिवासी गीत
ग्राम-बड़े साल्ही, जिला-कोरिया (छत्तीसगढ़) से सुरजाल सिंह आरमो सरगुजिहा भाषा में एक आदिवासी गीत सुना रहे है:
हम तो आदिवासी गा भईया, जांगर ठुर कमईया-
खेती बाड़ी के करईया नाँगर के जुतईया-
माता बेटा के बेटा दुलरवा, धरती के सेवा करईया-
छेरी गोरु के चरईया, गुल्ली डंडा के खैलईया-
पेच पसीया पानी के पीयईया, दुख सुख मा गोड़ी धरम गीत के गवईया-
जंगल झाड़ी के बसईया, काटा खुटी के रीगईया...