नदी के धरी पीपर के तरी, रहे संगी एक कुटिया रे...छत्तीसगढ़ी गीत
ग्राम-ओदारी,परसापारा, जिला-बलरामपुर (छत्तीसगढ़) से चंदर साय एक छत्तीसगढ़ी गीत सुना रहे हैं :
नदी के धरी पीपर के तरी, रहे संगी एक कुटिया रे-
कुटिया मा रोवे दाई बुढिया-
कैसन लईका मोला देहे रे दादा बड़ा गजब के बुढ़िया-
करके करेवनी ले लेवथे जान, कहाँ आंखी ला मूंदे भगववान-
आनके जिन्दगी होवे हलकान जिवरा हर कल्पाथे संझा बिहान...