लहरों से डरकर नौका पार नही होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नही होती...कविता-
ग्राम-मांझीपदर, जिला-दन्तेवाड़ा (छतीसगढ़) से गणेश सिंह आयाम हरिवंशराय बच्चन की एक कविता सुना रहे हैं:
लहरों से डरकर नौका पार नही होती-
कोशिश करने वालों की कभी हार नही होती-
नंही चींटी जब दाना लेकर चलती है-
चड़ती दीवारों पर सौ बार फिसलती है-
मन का विश्वास रगो में साहस भरता है-
चढ़कर गिरना गिरकर चढ़ना ना अखरता है-
आखिर उसकी मेहनत बेकार नहीं होतीं ...