किसान स्वर : पुरानी परम्परा से खेती करते है और कोई भी रासायनिक खाद का उपयोग नहीं करते...
ग्राम-बड़े बचेली, जिला-दंतेवाडा (छत्तीसगढ़) से गोविन्द कुंजाम बस्तर के रहन सहन और यहां की खेती के तौर तरीके के बारे में बता रहे है. वे बता रहे हैं कि बस्तर संभाग आदिवासी बहुल्य क्षेत्र में आता है और यहाँ पर पूर्वजो से जो खेती क्रिसानी होता है वो परम्परा आज भी है आज भी वे लोग ज्यादा खेती और मजदूरी करते है | वे लोग खेत में धान, गोंदरा, कुटकी उड़द, मुंग जोंदरा, ज्वार, ये सारी फसले लगाते है| वे लोग कोई भी रासायनिक खाद का उपयोग नहीं करते है केवल देशी गोबर खाद का उपयोग करते है | देशी गोबर से उगाये वाले अनाज को खाने से बीमारियाँ भी ठीक हो जाती है| हमारे पास जो भी देसी बीज है वह हम किसी भी साथी को भी चाहिए तो उनको दे सकते हैं. रूपलाल मरावी@7697080920.