किसान स्वर : खेती में पेड़ से गिरे हुए पत्तो की खाद बनाकर डालते है, उससे ही काम हो जाता है...
सीजीनेट जन पत्रकारिता जागरूकता यात्रा आज ग्राम-बड़े कमेली, ब्लॉक और जिला-दंतेवाडा (छत्तीसगढ़) पहुँची है वहां कन्हैयालाल केवट गाँव के किसान साथी अर्जुन, मनोज, भीमा से उनकी खेती के तौर तरीके के बारे में बात कर रहे हैं वे बता रहे है कि वे लोग प्राकृतिक खेती ही करते है और धान, कोसरा, तिल, कुल्थी, जोंदरा, घटका आदि फसले लगाते है और उसमे कोई बाहरी खाद नहीं डालते है| कभी कभी गोबर खाद डालते हैं और ज़्यादातर पेड़ के पत्ते गिरते है उन्ही को सडाकर खाद बनाते है और उसी खाद का उपयोग अपनी खेती में करते है, उनका कहना है कि उससे ही हमारा काम हो जाता है और कोई रासायनिक खाद का उपयोग नही करते है | कन्हैयालाल केवट@8225027272.