संस्कार वह मोहर (गहना) है जो जीवन के सिक्के को बहुमूल्य बना देती है...सुविचार -
प्रीतमलाल संस्कारो का जीवन में महत्व को बताते हुए कह रहे हैं, संस्कार वह मोहर (गहना) है जो जीवन के सिक्के को बहुमूल्य बना देती है. यहाँ तो वही मिलता है जो हम लुटाते हैं। ज्ञान के अनुरूप आचरण होने से जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन संभव होता है आदर्शों की प्रशंसा तो सभी कर सकते है लेकिन इन्हें अपने जीवन में उतरना कठिन होता है. ये कह रहे हैं धन से केवल सुविधा प्राप्त की जा सकती है सुख नही. बुद्धि से नही ह्रदय से जीएं क्योंकि बुद्धि में विचार होते है विवेक नही साथ ही प्रशंसा को कुवारी कन्या कहते हुए कहते हैं इसे सज्जन पसंद नही करते और ये दुर्जनों को पसंद नही करती, प्रशंसा एक मदिरा भी है जिसे कानो से पीया जाता है. दीर्घ जीवन स्मरणीय हो ना हो लेकिन स्मरणीय जीवन दीर्घ होता है | प्रीतमलाल@9522824525