दिल को बहला ले, इज़ाज़त है, मगर इतना न उड़...गज़ल -
ग्राम-रक्शा, पोस्ट-फुनगा, जिला-अनूपपुर (मध्यप्रदेश) से उषा सिंह एक गज़ल सुना रही है:
दिल को बहला ले, इज़ाज़त है, मगर इतना न उड़-
आज सपने देख, लेकिन इस कदर सितारे ना देख-
सिर से सिने में कभी, पेट से पांव में कभी-
एक जगह हो तो कहे, दर्द इधर होता है-
जब किसी हताश व्यक्ति से, मिलन हो जाता है तो-
ऐसा लगता है की जीवन में, सफल होना संभव नही...