फूल तो मुरझाएंगे बस तितलियाँ रह जायेंगी...कविता-
ग्राम-मालीघाट, जिला-मुजफ्फरपुर (बिहार) से सुनील कुमार एक कविता सुना रहे हैं :
फूल तो मुरझाएंगे बस तितलियाँ रह जायेंगी-
एक दिन हर रूप पे कुछ झुर्रियां रह जायेंगी-
जिन्दगी की हर कथा का अंत देखा है यही-
आंसुओं की एक कथा सिसकियाँ रह जायेंगी-
लाख करले हम जतन पर सत्य कहता है यही-
छोड़ जाएंगे जहां ये बस्तियां रह जायेगीं – लाख करले हम जतन पर मुस्कुराकर-
सबके हिस्से तय सुदा एक अँधेरा दोस्तों-
आपके पास ही क्या कुछ बिजलियाँ रह जायेंगी-
शान-शौकत और रुतबा कब तलक रहता यहाँ-
तुम हटोगे और हसती कुर्सियां रह जायेंगी-
फूल तो मुरझाएंगे बस तितलियाँ रह जायेंगी...