बेटी परदेशी भईल पड़ते सिंदुरवा...विदाई गीत
ग्राम-चन्द्रपुरा, जिला-बोकारो (झारखण्ड ) से नरेश महतो एक विदाई गीत सुना रहे हैं :
डोलिया उठाके काँधे,चालले कहरवा-
बेटी परदेशी भईल पड़ते सिंदुरवा-
गईया के समान बेटी घर में रखाए-
एक से खुले तो दूजे खुटवा बंधाये-
कोन ससुरारिया में आई खुशहाली-
कोन ससुरारिया में आई खुशहाली-
कोन नायिहरिया में आई खुशहाली-
अजीब निराला माया पड़ते सिंदुरवा-
बेटी परदेशी भईल पड़ते सिंदुरवा...