बच्चों सुन लो नयी कहानी, यो हंसकर के बोली नानी...बाल कविता
रीता देवी ग्राम-गढ़वई, पोस्ट-मदरी, जिला-रीवा, मध्यप्रदेश से बच्चों के लिए एक कविता सुना रही है:
बच्चों सुन लो नयी कहानी,यो हंसकर के बोली नानी-
बहुत दिनों की बात बताऊँ,सच्चा-सच्चा हाल सुनाऊं – एक बहुत था लोभी भाई,जिसकी ज्यादा थी न कमाई
रूखी-सूखी रोटी खाता,दुःख से अपना समय बीतता-
पर किस्मत ने पलटा खाया,लोभी के घर में धन आया
उसने मुर्गी पाली एक, जो थी सीधी-साधी नेक – ज्यों ही होता रोज सबेरा,वह करती कुकड़ू-को टेरा
दो सोने के अंडे प्यारे, वह देती थी उठ दिन सारे – जब लोभी ने अंडा पकड़ा, ख़ुशी-ख़ुशी से समय बिताता
पर लोभी जी में ललचाया,यह विचार उसके मन में आया – क्यों न मार मुर्गी को डालूं,अंडे सारे साथ निकालूँ
हो जाऊंगा मालामाल,हेट रोज का ये जंजाल-
लोभी फ़ौरन चाकू लाया,मुर्गी मारी खून बहाया
अंडे उसने एक न पाया,रो-रो वह बहुत पछताया...