बिगड़ गयो कोया दारु ला पी के बिगड़ गयो...
ग्राम कुकड़ाजगत जिला छिंदवाड़ा मध्यप्रदेश से सागर सरियाम जी यह एक गीत सुना रही है यह गीत शादियों के समय में गाया जाता है
बिगड़ गयो कोया, दारू ला पीके बिगड़ गयो
बिगड़ गयो रे, बिगड़ गयो रे, बिगड़ गयो रे
बाप भी पीवे तो बैटा भी पीवे
घर के सारे और दारू थे पीवे
रात दिन से दारू पीके हो गयो बेहाल
घर में जी को दाना नहीं है खाने को
बिगड़ गयो कोया दारू ला पी के बिगड़ गयो रे ।
लड़का बच्चा नंगे उतरे घूमे
कोई दुकान वाले आये तो चिट्टियों जैसे घूमे
बिगड़ गयो कोया दारू