पानी रोको पानी रोको पानी रोको भाई रे...एक गीत
पानी रोको पानी रोको पानी रोको भाई रे ।
इसी से जुडी है भैया सब की कमाई रे ।
पानी रोको पानी रोको पानी रोको भाई रे ।
भले हो अकाल आज पानी का कल तो रहेगा राज ।
पानी रोको पानी रोको पानी रोको भाई रे ।
पानी नहीं खेत में कब्ज़ा होगा जेठ में ।
सावन में पपीहा रोवे आंसू टपके रेत में ।
पानी रोको पानी रोको पानी रोको भाई रे ।
पानी देता रूखे सूखे चहरे को तराई रे
पानीदार आँखें कभी रोई नहीं भाई रे
डूबी नहीं पानी की जहाज़ कभी भाई रे
इसी से जुडी है भैया सब की कमाई रे ।