अन्धविश्वास का नेटवर्क फल फूल रहा है...
अन्धविश्वास का नेटवर्क फल फूल रहा है
ठग शराबमाफिया साधू बन रहा हैं
महिलाओं को शिष्या बनाकर अनाचार कर रहा है
भारत के नर नारी अब तो जागें
सही क्या है गलत क्या है पर विचार करें
आत्मज्ञान से बढ़कर कोई ज्ञान नहीं होता
जो सही गलत का अंतर करना सीख लेता
वही भगवान् होता है
मरने के बाद स्वर्ग जाने पाखंडियों के पीछे भाग रहे
अपना धन भी बरवाद कर रहे
जरा उन पाखंडियों से पूछें स्वर्ग पृथ्वी से कितना किलोमीटर है
स्वर्ग जाने कौन सा वाहन उपयोगी है
स्वर का दरवाजा पूरव में या पश्चिम में है
आप स्वर्ग से लोटकर आए हैं
आपका कईमा जोनी चल रहा है
तो पाखण्डी हाँथ जोड़ कर बिनती करने लगेंगे
कोई दूसरा प्रशन पूछिए प्राथना करने लगेंगे
ये तो गीता में लिखा है
तो बोल रहा हूँ गीता को लिखने वाला लिखने वाला भी कोई कवि है
भगवान का जन्मदाता भी कवि है
अगर कवि नहीं होते
गीता रामायण पुराण बाइबल गुरुग्रंथ ही नहीं होता