संतरा सेवेना बाई न, अन्ना मामा ना बगिचाते ओयेना...गोंडी विवाह गीत
यह गाना दशरथ कवडे मामाडोह खंडवा मप्र द्वारा तुलसा बाई से रिकॉर्ड कराया है गाने में युवा अपने होने वाली पत्नी को मिलते समय संतरे देने की कल्पना करते हुवे कह रहा है की मै अपने प्रेयसी से मामा के बगीचे में मिलने जाऊंगा और उसे संतरा भेट करूँगा| मोहनी द्वारा मेरे लिए सम्मोहित करूँगा | गोरतलब है कि कोयतुर ,गोंड समुदाय में मामा के लड़के के साथ विवाह करने की सामजिक मान्यता है ,इस गाने के बोल है ,संतरा सेवेना बाई न अन्ना मामा ना बगिचाते ओयेना | यह गाना शादियों के समय गाया जाता है | इस बारे मे अधिक जानकारी के लिए दशरथ जी से 08889778509 पर संपर्क कर सकते हैं |