मै तुमको विश्वास दूँ, तुम मुझको विश्वास दो...
मै तुमको विश्वास दू तुम मुझको विश्वास दो 2
शंकाओं के सागर हम तर जायेंगे
मातृभूमि को मिलकर स्वर्ग बनायेंगे
मै तुमको विश्वास दू तुम मुझको विश्वास दो 2
प्रेम बिना तो यह जीवन अनजाना है
सब अपने है कौन यहाँ बेगाना है
हर पल अपना अर्थवान हो जायेगा
बस थोडा सा मन में प्यार जगाना है
इस जीवन को साज दो मौन नहीं आवाज दो
इन्सानो में मीठी प्यास जगायेंगे
मरुधरा को मिलकर स्वर्ग बनायेंगे
मै तुम को विश्वास दू ....................
अलगाव से आदत लगने लगती है
उपवन की हर साँस छलकने लगती है
हर आँगन में सिर्फ सिसकियाँ उठती है
हर बन्दों की सांस उखड़ने लगती है
भेदभाव को त्याग दो, बस सबको अनुराग दो
सन्नाटे में हम सरगम बन जायेंगे
मातृभूमि...........
जन्म भूमि को ........
मै तुमको बिश्वास दू ....
ढूढ सको तो इस माटी में सोना है
हिम्मत का हथियार नहीं बस खोना है
मुस्कुरा दो तों हर मौसम मस्ताना है
बीत गया जो समय उसे क्या रोना है
लो हाथो में हाथ लो
एक दूसरे का साथ दो
इस धरती का खोया प्यार जगायेंगे
मातृभूमि को मिलकर स्वर्ग बनायेंगे
जन्मभूमि को मिलकर स्वर्ग बनायेगे
मरुधरा को मिलकर स्वर्ग बनायेंगे
मै तुझको विश्वास दू ..........