मज़दूर है तो संसार है, मज़दूर है तो हम हैं...
राजनांदगांव (छत्तीसगढ़) से वीरेंद्र गंधर्व मजदूर दिवस पर संदेश दे रहे हैं : मज़दूर है तो संसार है | मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, ये कारखाने, ये बड़े बड़े भवन, ये सभी तो मज़दूरों की तो देन है | मज़दूरों का सम्मान करना चाहिए क्योंकि मज़दूर है तो हम हैं | मज़दूरों को हम याद करें उनके काम को सलाम करें | सदा याद रखें : साथी हाथ बढ़ाना, एक अकेला थक जाएगा, मिलकर बोझ उठाना, यह गीत जो साहित्य लुधियानवी लिखकर गए हैं वो मज़दूरों पर पूरी तरह लागू होता है | तो हम सब को मिलकर मज़दूरों का साथ देना है | मज़दूर है तो हम हैं...