आदिवासी समाज में पूर्वज जो गुजर गए है उन्ही को देव के रूप में मानते है (गोंडी भाषा में)...
विकासखंड-भानुप्रतापुर, जिला-उत्तर बस्तर कांकेर (छत्तीसगढ़) से उत्तम आतला के साथ विष्णु पद्दा जी जुड़े है जो आदिवासियों के देवी देवता के बारे में जानकारी गोंडी भाषा में बता रहे है और कह रहे है कि आदिवासियों के देवी देवताओ को किसी ने बनाया नहीं है हमारे पूर्वज लोग जो गुजर गए है उन्ही को हम देव के रूप में मानते है! मरने के बाद उनके जीव को घर में लाते है और देव मानते है! घर के कोने में एक नया मटका में रखते है! यही सबसे बड़ा देव मानते है पर नई पीढी भूल रही है. प्रयास करना चाहिए कि आने वाली पीढी भूल ना जाये! कहाँ पे क्या करते थे हमारे पूर्वज लोगो का वह ध्यान रखना है|