बरा बजा लायोर लिंगो, रे रे लोयो रे रेला रे रेला...गोंडी गीत-
ग्राम-पसोड़ा, जिला-कोंडागांव (छत्तीसगढ़) से योगिता मरकाम, दीक्षा देवांगन और मोनिका नेताम एक गीत सुना रहे हैं:
रे रे लोयो रे रेला रे रेला-
निक जोहर लागे रा लिंगो-
जत रेला रे रेला रेला-
आजा बाजा निया रा लिंगो-
बरा बजा लायोर लिंगो, रे रे लोयो रे रेला रे रेला...
Posted on: Mar 04, 2019. Tags: CG GONDI KONDAGAON SONG VICTIMS REGISTER YOGITA MARKAM
कोया पोलो कोया पोलो कोयतोरा...गोंडी गीत-
ग्राम-पसोड़ा, जिला-कोंडागांव (छत्तीसगढ़) से योगिता मरकाम, रीता प्रभाकर और मोनिका नेताम एक गोंडी गीत सुना रहे हैं:
कोया पोलो कोया पोलो कोयतोरा-
कोया पोलो करीनिमा बायतोरा-
तीन मंचा झानन मंचम मजन मंचा मावा-
कोया पोलो कोया पोलो कोयतोरा-
कोया पोलो करीनिमा बायतोरा...
Posted on: Mar 04, 2019. Tags: CG GONDI KONDAGAON SONG YOGITA MARKAM
बीमारी में काम आए, खट्टा मीठा सबको भाए, क्या है?...प्रश्न और उत्तर
ग्राम पंचायत-सिंघपुर, पोस्ट-मुनमुना, थाना-कुकदुर, तहसील-पंडरिया, जिला-कबीरधाम (छत्तीसगढ़) से कक्षा 5 की छात्रा संयोगिता मरकाम कुछ प्रश्न और उत्तर सुना रही है :
बीमारी में काम आए खट्टा मीठा सबको भाए (अनार)
सबसे बढ़िया फल है कोन ना जाने इसका नाम (आम)
मुह में पानी लाए खाने को स्वादिष्ट बनाए (इमली)
रात को मौज उडाए लेकिन दिन में देख ना पाए (उल्लू)
सर्दी में काम आती शीत हवा से बचाती (ऊन)
तप करना है उनका काम, सदैव मुह पर राम का नाम (ऋषि)...
Posted on: Sep 11, 2018. Tags: CG KABIRDHAM SANYOGITA MARKAM SONG VICTIMS REGISTER
टोपीवाले की चतुराई...कहानी
ग्रामपंचायत-सिहपुर तहसील-पंडरिया, जिला कबीरधाम (छत्तीसगढ़) से संयोगिता मरकाम कक्षा पांचवीं की छात्रा है जो एक कहानी सुना रही है जिसका शीर्षक है टोपीवाले की चतुराई
एक टोपी वाला था, गाँव-गाँव घूम कर टोपी बेचता था, एक दिन वह एक गाँव से दूसरे गाँव टोपियाँ बेचने जा रहा था दोपहर के समय तो वह कुछ देर सुस्ताने के इरादे से एक पेड़ के नीचे अपनी टोपियों को रख कर सो गया, जब नींद खुली तो उसके होश उड़ गए देखा की उसकी एक भी टोपी नहीं है सोचने लगा कौन ले गया होगा? फिर जैसे ही उसकी नजर पेड़ की तरफ़ गई तो देखा कि सारी टोपियों को बंदरों ने पहन रखी है तो वो उन पर इशारों से और पत्थर मार के टोपियाँ वापस पाने की जद्दोजहद करने लगा लेकिन सफलता नहीं फिर उसने देखा कि जैसे वह कर रहा है बन्दर भी वैसा ही कर रहे है तो उसको एक तकरीब सूझी क्यों न अपनी टोपी तो उतार फेंकूं उसने वैसा ही किया उसके बाद बंदरों ने भी अपनी-अपनी टोपियों को उतार कर नीचे फेंक दिए फिर क्या था टोपी वाले ने सारी टोपियाँ उठा कर अपने बैग में भरा और गाँव की तरफ चल पड़ा |