येर मोर गांव कैसे पड़ा...
ग्राम-निरिपाल, पंचायत-ऐरमुर, ब्लाक-लौहंडीगुडा, जिला-बस्तर (छत्तीसगढ़) से विजय कुमार कश्यप अपने गांव के बारे में बता रहें है येरमोर कैसे पड़ा गोंडी में पानी को येर बोलते है पहले उनके गांव में पानी का श्रोत था इसलिए उनका गांव का नाम येरमोर पड़ा, पहले बहुत घना जंगल था, और वहाँ तेंदू चार भेलवा महुआ लाख और जड़ी बूटी मिला करता था, कुछ कुछ चीजे अभी भी उपलबंध है, अधिक जानकारी के लियें संपर्क@9406341121.
Posted on: Jun 05, 2022. Tags: BASTAR CG LOHANDIGUDA STORY VILLAGE
हमारा गांव तनोर पिंगला वन्य अभ्यारण से लगा हुआ है, जंगली जानवरों का खतरा रहता है...
ग्राम पंचायत-करवां, विकासखण्ड-ओडगी, जिला-सूरजपुर (छत्तीसगढ़) से मंगलसाय टोप्पो, सुखल लकड़ा और ओम प्रकाश बता रहे हैं, उनका गांव तनोर पिंगला वन्य अभ्यारण से लगा हुआ है| जिससे उन्हें जंगली जानवरों का खतरा रहता है| जब गांव में जंगली जानवर घुस जाते हैं तो निवासी अपने बचाव के लिये डंडे, पत्थर का उपयोग करते हैं|लकड़ी को ठोककर आवाज निकालते है | इस प्रकार से जानवर को गांव से भगाया जाता है| रात के समय घर से बहार निकलने में जानवरों का खतरा ज्यादा रहता है| वे लोग जिस स्थान से पीने के लिये पानी लाते है वहां भी जानवरों का खतरा रहता है| इस तरह ग्रामवासी खतरों के बीच जीवन बसर करते हैं| सर्पर्क नंबर@9430313721.