हम जैसा संस्कार देते हैं वैसा ही आगे बढ़ता है...कहानी-
मोहन की मम्मी मोहन की दादी माँ को मिट्टी के बर्तन में खाना देती है| मोहन प्रतिदिन ये सब देख रहा था| एक दिन मोहन अपनी दादी से पूछ पड़ा कि दादी माँ मम्मी आपको मिट्टी के बर्तन में खाना क्यों देती है| दादी ने जवाब दिया बेटा मै बूढी हो गई हूँ इसलिये| मोहन बोला दादी कल आप खाने को हांथ में लेकर छोड़ देना तब मै आपको जोर से डाटूंगा लेकिन आप बुरा मत मानना| अगले दिन दादी ने वैसा ही किया| तब मोहन दादी को चिल्लाकर बोला दादी आप मिट्टी के बर्तन को तोड़ दिए अब मै मम्मी पापा को बूढ़े होने पर किसमे खाना दूंगा| ये सारी बात मोहन की मम्मी सुन रही थी| इस कहानी ये सीख मिलती है हम जैसा संस्कार देंगे वैसा ही आगे बढ़ता जायेगा|
Posted on: Mar 09, 2019. Tags: BALRAMPUR CG SONG VICTIMS REGISTER VIJAY MARAVI
हम जैसा व्यवहार करते है आगे हमें वैसा ही मिलता है...कहानी-
एक बार की बात है मोहन की मम्मी उसकी दादी माँ को मिट्टी के बर्तन में खाना दे रही थी, जिसे मोहन कई दिनो से देख रहा था, एक दिन उसने अपने दादी माँ से पूछा मेरी माँ आपको मिट्टी के बर्तन में खाना क्यों देती है, दादी ने जवाब दिया बेटा मै बूढी हो गई हूँ इसलिए, जिस पर बच्चे ने कहा, दादी माँ कल आप खाना हांथ में लेके छोड़ देना, फिर मै आपको डाटूंगा, आप बुरा मत मानना, अगले दिन दादी ऐसा ही करती है, जिस पर बच्चे ने दादी को डांटते हुए कहा आप मिट्टी के बर्तन को तोड़ दिए, अब मै बुढ़ापे में अपने मम्मी-पापा को खाना किसमे दूंगा, सारी बात बच्चे की माँ सुन रही थी, इससे सीख मिलती है हम जैसा व्यवहार करेंगे हमें भी वैसा ही व्यवहार मिलेगा|