दुष्टों के बीच दोस्ती अधिक देर तक नहीं चलती...कहानी -
एक बार गाँव में एक महात्मा आये, गाँव के लोगो ने श्रद्धा से उनके रहने की व्यवस्था की प्रतिदिन ग्रामवासी उनके लिए खाने का प्रबंध कर देते इस तरह से महत्मा का जीवन यापन हो जाता था जब प्रबंध नहीं हो पता तो उपवास रख लेते थे कुछ दिनों बाद महात्मा ने लगातार उपवास किया | तब लोगो ने एक दुधारू गाय ला कर दी जिसे चुराने के लिए एक चोर ने सोची और चोरी करने के लिए निकला तभी उसे रास्ते में एक व्यक्ति मिला जो भूत था उन दोनों में मित्रता हुई और दोनों अपने काम के लिए चले लेकिन जैसे ही काम करने को गए दोनों का विवाद हो गया और दोनों आपस में लड़ने लगे जिससे शोर हो गया जिससे दोनों पकडे गए इससे यह निष्कर्ष निकलता है दुष्टों के बीच दोस्ती अधिक देर तक नहीं चलती। उषा सिंह उइके@7909655194
Posted on: Aug 07, 2017. Tags: SONG USHA SINGH UIKEY VICTIMS REGISTER
कंजूस बनिया की कहानी...
एक कंजूस बनिया था जो गरीबों का पैसे को लूट कर अपनी तिजोरी भरता था कभी भी उसने दान पुन्य नहीं किया था जब उसकी मौत हुयी तब भी उसने कंजूसी की. मरते समय उसने एक बूढ़ी गाय को ब्राम्हण को दान में दिया और उसी समय बनिए की मृत्यु हो गयी गाय ब्राम्हण के घर पहुचते ही मर गयी यमराज के पास पहुचते ही बनिया को कहा गया कि इसने कभी भी पुन्य का काम नहीं किया इसलिए इसे नरक में डाल देना चाहिए लेकिन इसने एक गाय का दान किया था इसलिए एक दिन के लिए इसे स्वर्ग में रखा जा सकता है, इसलिए यमराज ने पूछा कि तुम सबसे पहले कहाँ जाना चाहते हो बनिए ने कहा स्वर्ग में और यमराज ने कहा कि एक दिन के लिए गाय से कुछ भी कहोगे वो करेगी बनिए ने कहा इस यमराज को मारो वो गाय को मारने दौड़ी गाय यमराज को दौडाते हुए सबसे पहले शंकर जी के पास गयी ,शंकर जी भी भागने लगे और भागते भागते ब्रम्हा जी के पास पहुचे गाय को अपने पास आते देख वो भी भागने लगे भागते-भागते विष्णु जी के पास पहुच गयी इतने में ही बनिए की शक्ति क्षीण हो गयी तब यमराज ने कहा इसे नरक में डाल दो नरक में डालते इसके पहले ही तीनो देवों ने कहा कि हमारे दर्शन करने के बाद कोई भी नरक में नहीं जा सकता है इसलिए उस कंजूस बनिए को स्वर्ग में रख दिया गया | उषा सिंह उईके@7909655194