सरस्वती दाई वो हवय तोर हंस सवारी वो...देवी गीत
ग्राम-गोरबहरी, जिला-रायगढ़, (छत्तीसगढ़) से तिरलोकी सिदार एक देवी गीत सुना रहा है:
ज्ञान बुद्धि के तहि देवैया माई तोरे दुआरी-
सरस्वती दाई वो हवय तोर हंस सवारी वो-
बीच सरयू पर कमल फुल मा बैठे आसन मारे-
हम बालक तोर अरज करतहन दोनों हाथ लमाके-
छोटे-छोटे लैकाअन ओ दाई तय सबके महतारी-
पंचम शुर मा गूंगा बोले छत्तीस राग मिलाके-
विनय करे देवता नर-नारी सरग ले चन्दा धाये...