नानी तेरी मोरनी को मोर ले गया...चार बाल कविताएं
स्मिता कुमारी ग्राम-रहुआ, जिला-मुजफ्फरपुर, बिहार से बाल कविताएं सुना रही हैं:
नानी तेरी मोरनी को मोर ले गया-
बांकी जो बचा था सारे चोर ले गए-
खाके-पीके मोटे होक बैठे रेल में-
केले वाला डिब्बा सीधे कटके गया जेल में-
पाले खान ने मोटे खान ने उनसे अगली चोरों की-
अच्छी नानी प्यारी नानी गुस्सा उस्सा छोड़ दे-
जल्दी से तू पैसा दे दे तू कंजूसी छोड़ दे-
2
ची-ची चिड़िया बोली-
अब मत खेलो आँख मिचौली-
शाम हुयी अब जाओ घर-
मान को लगता होगा डर-
सुबह-सबेरे जल्दी उठना-
उठकर झटपट मंजन करना-
नियम से पढना-
नियम से लिखना-
खेल-कूद में समय नष्ट न करना-
माँ का हरदम मानना – ऐसे राजा बेटे बनना...
3
तितली उडी बस में चढ़ी-
सीट न मिली रोने लगे-
ड्राइवर ने बोला आ मेरे पास-
तितली ने बोली हट बदमाश...
4
ऊपर पंखा चलता है-
नीचे बेबी सोती है – सोते-सोते भूख लगी-
खाले बेटा मूंगफली-
मूंगफली में दाना नहीं-
हम तुम्हारे मामा नहीं-
मामा गए दिल्ली-
दिल्ली से लाये बिल्ली-
बिल्ली ने मारा पंजा-
मामा हो गए गंजा...